Friday, February 22, 2019

अद्वैत वेदांत आणि विज्ञान


गेले काही आठवडे 'दृक्-दृश्य विवेक' या ग्रंथाचा अभ्यास चालू आहे. पूर्ण होण्यास अजून काही आठवडे जातील. हा ग्रंथ अद्वैत वेदांताचा 'प्रकरण ग्रंथ' (Introductory Text) म्हणून ओळखला जातो. या ग्रंथाचा अभ्यास करताना एक गोष्ट लक्षात आली. अद्वैत वेदांत 'हे विश्व ब्रह्म असून दृश्य जग माया आहे' असे मानते.'माया म्हणजे स्थल-काल-कार्यकारणभाव (Space-Time-Causal Relationship)'. विज्ञानाचे हेच क्षेत्र आहे. म्हणजेच असे म्हणता येईल की विज्ञान मायेच्या क्षेत्रातील नियमांचा अभ्यास करते.

अद्वैत वेदांत तीन प्रकारच्या जीवाचा उल्लेख करते.
१>पारिमार्थीक जीव : हा म्हणजेच ब्रह्म
२> व्यावहारिक जीव : हा जीव बाह्य जगातील व्यवहार सांभाळतो. आपण ज्याला सामान्य भाषेत जीव म्हणतो तो हाच जीव. याच जीवाला पुनर्जन्म असतो असे अद्वैत वेदांत मानते. आपल्याला आपल्या ब्रह्मस्वरूपाची जाणीव होताच हा जीव पारिमार्थीक जीवात विलीन होतो.
३> प्रातिभासिक जीव : स्वप्नात आपण उपस्थित असतो, स्वप्ने अनुभवतो. हा स्वप्ने अनुभवणारा जीव म्हणजेच प्रातिभासिक जीव. जाग येताच हा प्रातिभासिक जीव व्यावहारिक जीवात विलीन होतो.

व्यावहारिक जीवासाठी व्यावहारिक जगातील नियम महत्वाचे असतात. म्हणूनच या जीवासाठी विज्ञानाचे महत्व आहे. परंतु मायेच्या क्षेत्रात ब्रह्म येत नसल्याने ते विज्ञानाच्या क्षेत्रात येत नाही. म्हणूनच अद्वैत वेदांतानुसार विज्ञानाच्या नियमांनी अथवा कार्यकारणभावाने ( Logical Thinking) ब्रह्म (अथवा परमेश्वर) सिद्ध करणे हास्यास्पद आहे. ब्रह्म हे केवळ अनुभवाचे क्षेत्र आहे.

Monday, February 4, 2019

भारतीय मुद्रा (रुपया ₹)

भारतीय मुद्रा (रुपया ₹) से जुड़े 31 ग़ज़ब रोचक तथ्य
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1. भारत में करंसी का इतिहास2500 साल पुराना हैं। इसकी शुरूआत एक राजा द्वारा की गई थी।
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2. अगर आपके पास आधे से ज्यादा (51 फीसदी) फटा हुआ नोट है तो भी आप बैंक में जाकर उसे बदल सकते हैं।
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3. बात सन् 1917 की हैं, जब 1₹ रुपया 13$ डाॅलर के बराबर हुआ करता था। फिर 1947 में भारत आजाद हुआ, 1₹ = 1$ कर दिया गया. फिर धीरे-धीरे भारत पर कर्ज बढ़ने लगा तो इंदिरा गांधी ने कर्ज चुकाने के लिए रूपये की कीमत कम करने का फैसला लिया उसके बाद आज तक रूपये की कीमत घटती आ रही हैं।
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4. अगर अंग्रेजों का बस चलता तो आज भारत की करंसी पाउंड होती. लेकिन रुपए की मजबूती के कारण ऐसा संभव नही हुआ।
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5. इस समय भारत में 400 करोड़ रूपए के नकली नोट हैं।
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6. सुरक्षा कारणों की वजह से आपको नोट के सीरियल नंबर में I, J, O, X, Y, Z अक्षर नही मिलेंगे।
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7. हर भारतीय नोट पर किसी न किसी चीज की फोटो छपी होती हैं जैसे- 20 रुपए के नोट पर अंडमान आइलैंड की तस्वीर है। वहीं, 10 रुपए के नोट पर हाथी, गैंडा और शेर छपा हुआ है, जबकि 100 रुपए के नोट पर पहाड़ और बादल की तस्वीर है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट पर आजादी के आंदोलन से जुड़ी 11 मूर्ति की तस्वीर छपी हैं।
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8. भारतीय नोट पर उसकी कीमत 15 भाषाओंमें लिखी जाती हैं।
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9. 1₹ में 100 पैसे होगे, ये बात सन् 1957 में लागू की गई थी। पहले इसे 16 आने में बाँटा जाता था।
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10. RBI, ने जनवरी 1938 में पहली बार 5₹ की पेपर करंसी छापी थी. जिस पर किंग जार्ज-6 का चित्र था। इसी साल 10,000₹ का नोट भी छापा गया था लेकिन 1978 में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया।
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11. आजादी के बाद पाकिस्तानने तब तक भारतीय मुद्रा का प्रयोग किया जब तक उन्होनें काम चलाने लायक नोट न छाप लिए।
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12. भारतीय नोट किसी आम कागज के नही, बल्कि काॅटन के बने होते हैं। ये इतने मजबूत होते हैं कि आप नए नोट के दोनो सिरों को पकड़कर उसे फाड़ नही सकते।
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13. एक समय ऐसा था, जब बांग्लादेश ब्लेड बनाने के लिए भारत से 5 रूपए के सिक्के मंगाया करता था. 5 रूपए के एक सिक्के से 6 ब्लेड बनते थे. 1 ब्लेड की कीमत 2 रूपए होती थी तो ब्लेड बनाने वाले को अच्छा फायदा होता था. इसे देखते हुए भारत सरकार ने सिक्का बनाने वाला मेटल ही बदल दिया।
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14. आजादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे। उसके बाद 1964 में एल्युमिनियम के और 1988 में स्टेनलेस स्टील के बनने शुरू हुए।
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15. भारतीय नोट पर महात्मा गांधीकी जो फोटो छपती हैं वह तब खीँची गई थी जब गांधीजी, तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे। यह फोटो 1996 में नोटों पर छपनी शुरू हुई थी। इससे पहले महात्मा गांधी की जगह अशोक स्तंभ छापा जाता था।
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16. भारत के 500 और 1,000 रूपये के नोट नेपालमें नही चलते।
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17. 500₹ का पहला नोट 1987 में और 1,000₹ पहला नोट सन् 2000 में बनाया गया था।
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18. भारत में 75, 100 और 1,000₹ के भी सिक्के छप चुके हैं।
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19. 1₹ का नोट भारत सरकार द्वारा और 2 से 1,000₹ तक के नोट RBI द्वारा जारी किये जाते हैं.
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20. एक समय पर भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए 0₹ का नोट 5thpillar नाम की गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी किए गए थे।
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21. 10₹ के सिक्के को बनाने में 6.10₹ की लागत आती हैं.
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22. नोटो पर सीरियल नंबर इसलिए डाला जाता हैं ताकि आरबीआई(RBI) को पता चलता रहे कि इस समय मार्केट में कितनी करंसी हैं।
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23. रूपया भारत के अलावा इंडोनेशिया, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की भी करंसी हैं।
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24. According to RBI, भारत हर साल 2,000 करोड़ करंसी नोट छापता हैं।
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25. कम्प्यूटर पर ₹ टाइप करने के लिए ‘Ctrl+Shift+$’ के बटन को एक साथ दबावें.
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26. ₹ के इस चिन्ह को 2010 में उदय कुमार ने बनाया था। इसके लिए इनको 2.5 लाख रूपयें का इनाम भी मिला था।
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27. क्या RBI जितना मर्जी चाहे उतनी कीमत के नोट छाप सकती हैं ?
ऐसा नही हैं, कि RBI जितनी मर्जी चाहे उतनी कीमत के नोट छाप सकती हैं, बल्कि वह सिर्फ 10,000₹ तक के नोट छाप सकती हैं। अगर इससे ज्यादा कीमत के नोट छापने हैं तो उसको रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 में बदलाव करना होगा।
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28. जब हमारे पास मशीन हैं तो हम अनगणित नोट क्यों नही छाप सकते ?
हम कितने नोट छाप सकते हैं इसका निर्धारण मुद्रा स्फीति, जीडीपी ग्रोथ, बैंक नोट्स के रिप्लेसमेंट और रिजर्व बैंक के स्टॉक के आधार पर किया जाता है।
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29. हर सिक्के पर सन् के नीचे एक खास निशान बना होता हैं आप उस निशान को देखकर पता लगा सकते हैं कि ये सिक्का कहाँ बना हैं.
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*.मुंबई – हीरा [◆]
*.नोएडा – डाॅट [.]
*.हैदराबाद – सितारा [★]
*.कोलकाता – कोई निशान नहीं.