चिंतन
हे शब्देविण संवादिजे । इंद्रियां नेणतां भोगिजे । बोलां आधी झोंबिजे । प्रमेयासी ।।
Pages
Home
General
कुंडलिनी विद्या
भारतीय संस्कृती
दर्शनशास्त्र
अद्वैत वेदांत
उपनिषदे
डॉ. लोहिया : विकासनीती
भारतीय अर्थव्यवस्था
कविता
पळू
English
Monday, July 6, 2015
हाडांमासी खिळलेय शिसे
हाडांमासी खिळलेय शिसे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment